डॉ. राकेश मोहन नयाल का क्यूरेटोरियल टॉक

डॉ. राकेश मोहन नयाल का क्यूरेटोरियल टॉक

इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय की लोकप्रिय कार्यक्रम क्यूरेटोरियल टॉक में संग्रहालय के सहायक कीपर, डॉ. राकेश मोहन नयाल ‘‘कल्चर एंड ट्रेडिशन्स ऑफ़ जौनसार बावर ऑफ़ हिमालयन रीजन” विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा यहां उत्तराखण्ड में जनजातियों का काफी महत्व रहा है, विशेषकर जौनसारी जानजाती जो वस्तुतः प्रारंभ से ही अपनी एक संस्कृतिक प्रथाओं के साथ उप-हिमालीय क्षेत्र में निवास कर रही हैं। उनके द्वारा विभिन्न अवसरों, महोत्सवों के दौरान रंगारंग पारंपरिक वेशभूषाओं में अत्यंत सुंदर संगीत, एवं नृत्य प्रस्तुत किये जाते हैं। मुख्यतः मेले एवं त्योहार इस समुदाय के कृषि पर आधारित होते हैं एवं इनकी इन सांस्कृतिक प्रथाओं का आज की नव-पीढ़ी पर बहुत ही गहरा असर दिखता हैं। पुरानी परंपराए जो इन पहाड़ी लोगों के जीवन को मोहक बनाती है, में भी समय के साथ काफी बदलाव आया हैं, किन्तु इसके इन बहु-सांस्कृतिक तत्वों की मौजूदगी एवं निरंतरता आज भी यहां की भूमि (देवभूमि) के जौनसारी समुदाय के रूप में मौजूद हैं। जौनसार बावर में सदियों से एक परंपरा चली आ रही है। इस जगह के लोग खुद को पांडवों के वंशज मानते हैं। जहां दूल्हा नहीं बल्कि दुल्हन बारात लेकर आती है और दूल्हे को अपने साथ ले जाती है। खास बात ये है कि इन शादियों में दहेज का बिल्कुल भी प्रावधान नहीं है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता, संग्रहालय के निदेशक, प्रो. सरित कुमार चौधुरी द्वारा की गई। मुख्य वक्ता का परिचय श्री राकेश भट्ट (सहायक कीपर) द्वारा किया गया।

Updated date: 27-11-2018 10:06:24