संग्रहों

सुरक्षित संग्रह - भण्डारण एवं रख रखाव - संग्रहालयों से प्राय सम्रद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रलेखन, संरक्षण और प्रदर्शन करने वाले महत्वपूर्ण संसथान का बोध होता है | संग्रहालय केवल सामग्रियों के ही नहीं बल्कि पारंपरिक और समकालीन ज्ञान के भी कोष है | चूँकि प्रादर्शों के माध्यम से लोगों के सम्मुख ज्ञान का प्रदर्शन किया जाता है, अतः एक संग्रहालय का संकलन उसकी ह्रदय रेखा मन जाता है | प्राकृतिक संसाधनों से लेकर मानव सर्जन तक एक संग्रहालय में संकलन सांस्कृतिक धरोहर और ज्ञान के बारे में जानने/ सीखने का अवसर उपलब्ध कराता है | प्रत्येक संग्रहालय अपने उद्देश्य और प्रकृति के अनुसार प्रादर्शों का संकलन करता है| संकलन के उपरांत इन्हें विधिवत प्रलेखित और फिर जनता के समक्ष प्रदर्शित या प्रस्तुत किया जाता है | इं.गां.रा.मा.सं. मूलतः समय और स्थान में मानव जाति की कथा के प्रदर्शन के उद्देश्य के साथ एक मानव शास्त्रीय संग्रहालय है| इं.गां.रा.मा.सं भारत के लोक और जनजातीय लोगों से पारंपरिक तथा समकालीन सांस्कृतिक प्रादर्शों का संकलन करता है | आज इस संग्रहालय में भारत के लोक व जनजातीय लोगों के दैनिक उपयोग साथ ही कलात्मक उत्पादों और कुछ अन्य देशों से भी 25000 से अधिक मानव शास्त्री प्रादर्शों का संकलन है | इस संग्रहालय के अधिकारीयों द्वारा प्रादर्शों का संकलन क्षेत्र कार्य के माध्यम से तथा कुछ अन्य संस्थाओं एवं श्रोतों से सहयोगात्मक कार्यों के माध्यम से भी किया जाता है | ये प्रादर्श फील्ड डाटा शीट के साथ आरोहण हेतु प्राप्त होते है | देयकों तथा डाटा शीट के सत्यापन के पश्चात आरोहण पंजी में प्रादर्श के बारे में कुछ मूलभूत जानकारी जैसे प्रादर्श का नाम, हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में समानार्थी शब्द, समुदाय, स्थल, उपयोग, मूल्य इत्यादि सम्मिलित कर आरोहित किया जाता है | प्रत्येक प्रादर्श को एक अलग आरोहण क्रमांक दिया जाता है ,जोकि स्थाई क्रमांक होता है तथा कभी भी किसी अन्य प्रादर्श को हस्तांतरित नहीं होता | जैसे ही प्रादर्श का आरोहण हो जाता है उस पर एक इंडेक्स कार्ड तैयार कियाक जाता है |

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Updated date: 15-07-2020 02:23:12