इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मावन संग्रहालय की रचना |
राष्ट्रीय मानव सग्रहालय के नाभिकीय केन्द्र ने 21 मार्च 1977 को भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण के भाग के रूप में नई दिल्ली से कार्य करना शुरू किया। 1978 में इसे भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण से पृथक कर संस्कृति विभाग, भारत सरकार (अब संस्कृति मंत्रालय) के अधीनस्थ एक स्वतंत्र विभाग घोषित कर दिया गया, मार्च 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी की पहल पर संग्रहालय का पुनर्नामकरण राष्ट्रीय मानव संग्रहालय किया गया जिसे बाद में (1993) एक कैबिनेट निर्णय के माध्यम से इन्दिरा गांधी के नाम पर इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय रखा गया। अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में ‘‘नेशनल म्यूजियम ऑफ़ मैनकाइंड’’ नाम स्वीकार किया गया।दूसरे राष्ट्रीय संग्रहालयों जो पूर्व से उपलब्ध संग्रह के प्रदर्शन हेतु स्थापित किये गये थे, से पृथक इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय की शुरुआत प्रदर्शन हेतु संकलन से अधिक विचारों से हुई।इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय समुदाय और संग्रहालयों के बीच अंतर्सम्बंधों की रचना के सुगम संचालक के रूप में कार्य करता है।