अनुष्ठान

प्रत्येक समाज में ऐसे प्रादर्श पाए जाते हैं जो उनसे जुड़े अनुष्ठानो एवं पारंपरिक रीति-रिवाजो के कारण ही जाने जाते हैं \ किसी समुदाय अथवा संस्कृति का अध्ययन एवं प्रलेखन उसकी विश्वास परंपरा को समझे बिना करना नामुमकिन है | प्रत्येक प्राणी किसी आलौकिक शक्ति में विश्वास रखता है | किसी भी समाज के प्रकृति अथवा मूर्ति पुजारी को विभिनन प्रकार के अनुष्ठानिक प्रादर्शों की आवश्यकता होगी | इं.गा.रा.मा.सं. में जादू, चढ़ावे एवं अन्य अनुष्ठान पूजा सम्बन्धी प्रादर्शों का संग्रह किया गया हैं| इस संग्रह में मूर्तियाँ, प्रतिमा, चित्र एवं अनुष्ठानिक महत्व के अन्य प्रादर्श शामिल हैं|

Updated date: 16-08-2016 02:15:50