गृह उपयोगी वस्तुए प्रत्येक परिवार, समाज एवं संस्कृति में पाए जाने वाले बहुत ही साधारण प्रादर्श हैं | इस वर्ग में पाए जाने वाले प्रादर्श प्रत्येक दिन इस्तेमाल में लाये जाते हैं एवं ये इनकी प्रकृति, आकार, धातु एवं उपयोग में उनकी भौगोलिक स्थिति अनुसार भिन्न होते हैं उदाहरण के लिए समतल भौगोलिक क्षेत्रों में ये घरेलू बर्तन घातु के बने होते हैं जबकि लकड़ी, बांस,तंतुओ का प्रयोग पहाड़ी में उपयोग होने वाले बर्तन बनाने में किया जाता हैं | इस वर्ग में प्रादर्शो का सीधा सम्बन्ध मानव की भोजन आवश्यकता से हैं | रसोईघर में खाना बनाने के बर्तन से अन्न भण्डारण तक एवं बैठने से शयन तक के प्रादर्शों को इस वर्ग में शामिल किया गया हैं| इं.गा.रा.मा.सं. में इन् प्रादर्शों का विशाल संग्रह प्रदर्शित हैं जिन्हें भारत के विभिन्न कोनो से एकत्रित किया गया हैं | इस वर्ग के मुख्य प्रादर्शो में बर्तन, प्लेट , गिलास, घड़ा, चक्की, चटाई, भण्डारण पात्र, झाड़ू , लैंप आदि शामिल हैं जो विभिन्न धातुओ जैसे मिटटी, लकड़ी, पीतल एवं धातुओ से बने हैं |
