खेल एवं मनोरंजन का अर्थ चाहे जो हो परन्तु इनका सामाजिक – सांस्कृतिक महत्त्व है जो सामाजिक एवं धार्मिक उद्देश्यों की पूर्ति करता है | इसलिए विकास के क्रम में कई समुदायों द्वारा विकसित एवम उपयोग किये गए खेल एवं मनोरंजन के विभिन्न साधनों का संग्रह मानव शास्त्रीय संग्रहालय में किया जाना अति आवश्यक है | इस वर्ग के अंतर्गत संग्रहालय द्वारा पारंपरिक संस्कृति के साथ साथ सामयिक संस्कृति से जुड़े मनोरंजन के विभिन्न साधन जिनमे मुखोटे, खिलोने, कठपुतलियां, पासे, टॉप्स, चमड़े की कठपुतलियां एवं गुडियां आदि शामिल है, संग्रहित किये गए हैं|
