मछुवाही

भारत मेंमछुवाही विशेषत जनजातीय एवं ग्रामीण समुदायों के बीच जीवन यापन का एक महत्वपूर्ण साधन है | अर्थ प्रबंधन हेतु इस व्यवसाय पर निर्भर ऐसे कई समुदाएँ हैं जिनका मुख्य व्यपार मछुवाही एवं उन्हें बाजार में बेचना है | उनके इस व्यवसाय के कारण ही उन्हें ‘मछुआरे’ के नाम से जाना जाता है |

मछुआरों के आलावा ऐसे कुछ निश्चित समुदाएँ हैं जो मछुआई अर्थ प्रबंधन के द्वितीय संसाधन के लिए जबकि कुछ समय व्यतीत करनेया मनोरंजन के लिए करते हैं | नदी, नहर, तालाब, बाँध तथा समुद्र आदि कई संसाधन हैं जहाँ मछुवाही की जाती है | मछुवाही हेतु स्थान एवं जल की प्रकृति अनुसार अलग अलग प्रकार के उपकरणों का प्रयोग किया जाता है \ इं.गा.रा.मा.सं. द्वारा भारत के कई भागों से अलग अलग प्रकार के मछुवाही उपकरण जिनमें जाल, फंदा, मत्स्य भाला, बरछी एवं कांटा आदि शामिल हैं, संग्रहित किया गए है |

Updated date: 16-08-2016 02:17:30