पशुपालन

पशुपालन ने मानव के सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं| पाले जाने वाले पशु - मांस भोजन के रूप में, त्वचा या खाल जूते व कपडे बनाने हेतु प्रयोग में आने वाले चमड़े के रूप में , रोये गरम कपडे हेतु. सींग कंघे व् अन्य वस्तुओ के बनाने में ,दूध पोषकपेय के रूप में , गोबर इंधन के रूप में हमे उपलब्ध कराते हैं | इसके अतिरिक्त कुछ पालतू पशु परिवहन हेतु सबसे सुरक्षित एवं सबसे सस्ते साधन भी हैं | मुख्यता रबारी, लोहार, बिरहोर एवं गोंड लोगो द्वारा पशु पालन में प्रयुक्त कृषि उपकरणों को गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि से संग्रह किया गया हैं| संग्रह की गयी वस्तुओं में ऊँट की साज-सज्जा हेतु वस्तुए, ताम्बे की घंटियाँ, जानवरों को बाँधने हेतु छाल की रस्सी, पशुओ हेतु सफ़ेद रस्सी, चारे के लिए कूंडा,भैंसों के लिए आभूषण, आभूषण में डिस्क, पशुओ हेतु पीतल की घंटियाँ , ऊँट की पीठ हेतु सजावटी पट्टा, ऊँट के नाक के आभूषण आदि शामिल हैं|

Updated date: 16-08-2016 02:18:57