कृषि

भूमि को उपजाऊ बनाने की कला हैं| जिसका अर्थ मानव के लिए उपयुक्त वनस्पति के उत्पादन हेतु नियंत्रित जुताई से हैं| चावल. गेहू. ज्वार जैसे अनाज साधारण रूप में एक विभिन्न प्रकार घास के जैसे होते हैं परन्तु मानव ने उन्हें भली प्रकार बेहतर गुणवत्ता के लिए पोषित किया | प्रकृति के आधार पर कृषि को दो भागो – झूम कृषि एवं विस्तृत कृषि में विभाजित किया गया हैं| कृषि के भिन्न स्तरों पर प्रयोग होने वाले कृषि उपकरण विभिन्न प्रकार के होते हैं| कृषि चक्र की चरणबद्ध श्रंखला में जुताई, समतलीकरण, खाद डालना, क्यारियां तैयार करना,रोपनियाँ लगाना, निराई करना एवं कटाई आदि शामिल हैं| इन उद्देश्यों के लिए भिन्न कृषि उपकरणों का प्रयोग होता हैं| कुछ कृषि उपकरण विशेष उद्देश्यों जबकि कुछ बहु उद्देश्यों हेतु प्रयोग में लाये जाते हैं | यह उपकरण आमतौर पर लकड़ी, बांस, एवं लोहे से बने होते हैं | इं.गा.रा.मा.सं. द्वारा हंसिया, कुदाल, फावड़ा, हल, सांकल, छड, फनल आदि कई प्रकार के कृषि उपकरण विभिन्न भारतीय राज्यों से संग्रह किये गए हैं |

Updated date: 16-08-2016 02:19:16